विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम Windows Operating System
ऑपरेटिंग सिस्टम - परिचय | Operating System - Introduction
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System), एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर को
नियंत्रित (Control) करता है। यह कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर का प्रबंधन
(Manage) करता है, एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर को चलाने में सहायता करता है,
उपयोगकर्ताओं (Users) के लिए एक इंटरफ़ेस प्रदान करता है और फाइल्स एवं डाटा को
स्टोर करता है एवं आवश्यकता होने पर पुनर्प्राप्त (Retrieve) करता है। सामान्य
तौर पर, ऑपरेटिंग सिस्टम एप्लीकेशन और हार्डवेयर के बीच, उपयोगकर्ता (User) और
हार्डवेयर के बीच और उपयोगकर्ता और एप्लीकेशन के बीच समन्वय का कार्य करता है।
विभिन्न उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए कंप्यूटर पर कई एप्लिकेशन
इंस्टॉल किए जा सकते हैं, लेकिन कंप्यूटर को वास्तव में केवल एक ऑपरेटिंग
सिस्टम की आवश्यकता होती है। एक ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) कंप्यूटर सिस्टम का ऐसा
सिस्टम सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर की गतिविधियों को कण्ट्रोल एवं मैनेज करता है।
लगभग सभी कंप्यूटर किसी न किसी प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) का उपयोग करते
हैं।
ऑपरेटिंग सिस्टम वह सिस्टम सॉफ्टवेयर है जो फ़ाइल मैनेजमेंट, मेमोरी मैनेजमेंट, प्रोसेस मैनेजमेंट,इनपुट आउटपुट मैनेजमेंट, डिस्क ड्राइव और प्रिंटर जैसे पेरिफेरल उपकरणों को नियंत्रित (Control) करने जैसे सभी बुनियादी कार्य करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम पर मुख्य रूप से दो प्रकार के यूजर इंटरफ़ेस उपयोग किए जाते हैं - कमांड लाइन इंटरफ़ेस (CLI) एवं ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस (GUI)
विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम | Windows Operating System
विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम, ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस (GUI) पर आधारित ऑपरेटिंग
सिस्टम है अर्थात इसमें सभी कार्यों के लिए ग्राफ़िक्स जैसे आइकॉन, डेस्कटॉप आदि
का उपयोग किया जा सकता है और विभिन्न कार्यों को करने के लिए कमांड्स याद करने
की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए यूज़र्स को इसे सीखने एवं इस पर काम करने में
आसानी होती है और यही इसकी लोकप्रियता का कारण भी है। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़,
जिसे आमतौर पर विंडोज़ के रूप में जाना जाता है, माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा
विकसित किया गया ऑपरेटिंग सिस्टम है।
माइक्रोसॉफ्ट ने वर्ष 1985 में एमएस-डॉस पर चलने वाले कंप्यूटरों के लिए
ग्राफिकल इंटरफेस के रूप में विंडोज़ का पहला संस्करण जारी किया था। विंडोज़ ने
प्रोग्राम चलाने और सिस्टम को मैनेज करने के लिए टेक्स्ट कमांड की आवश्यकता के
स्थान पर सामान्य एवं आसानी से उपयोग करने वाले मेनू और बटन प्रदान करके
कंप्यूटर का उपयोग करना आसान बना दिया।
पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) के लिए माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम, ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (जीयूआई) की विशेषता के कारण जल्द ही प्रसिद्ध हो गया। वर्तमान में लगभग 80 प्रतिशत पर्सनल कम्प्यूटर विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम पर ही कार्य कर रहे हैं।
विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषताएं | Characterstics of Windows Operating System
विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम की प्रमुख विशेषताएं निम्नानुसार हैं:
⇨ यूजर
इंटरफेस और डिवाइस सपोर्ट (User Interface and Device Support)
⇨
एक्सेसरीज और यूटिलिटी (Accessories and Utilities)
⇨ पावर मैनेजमेंट
(Power Management)
⇨ सर्च एवं फाइल आर्गेनाइजेशन (Search and File
Organization)
⇨ सेफ्टी एवं सिक्यूरिटी (Safety and Security)
⇨ रिमोट डेस्कटॉप (Remote Desktop)
यूजर इंटरफेस और डिवाइस सपोर्ट (User Interface and Device Support)
विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम में ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) प्रदान किया गया है,
इसके साथ ही सिस्टम से इंटरैक्शन और मेंटेनेन्स के लिए कमांड लाइन इंटरफेस
(CLI) भी उपलब्ध है। विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम में फास्ट यूजर स्विचिंग और रिमोट
हेल्प की सुविधा के साथ यह उपयोग में आसान है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम पेरिफेरल
उपकरणों के लिए नए और बेहतर डिवाइस ड्राइवर के साथ आता है, जिससे इसमें किसी भी
नए डिवाइस / पेरिफेरल को कनेक्ट करना सुविधाजनक है। विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम के
यूजर फ़्रेंडली इंटरफेस के कारण इसे काम समय में सीखा एवं आसानी से प्रयोग किया
जा सकता है।
एक्सेसरीज और यूटिलिटी (Accessories and Utilities)
विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम में विभिन्न एप्लीकेशन प्रोग्राम को विंडोज़ के विभिन्न
वर्ज़न पर आसानी से चलाया जा सकता है। लगभग सभी सॉफ्टवेयर कंपनी विंडोज़ पर उपयोग
के लिए अपने सॉफ्टवेयर डिजाइन करती हैं। विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ उपयोग
करने के लिए कुछ सॉफ्टवेयर एक्सेसरीज ग्रुप के अंतर्गत उपलब्ध होते हैं, जिससे
कम्प्यूटर पर सामान्य कार्यों को आसानी से किया जा सकता है जैसे - नोटपैड,
वर्डपेड, पैंट, केलकुलेटर, इंटरनेट एक्सप्लोरएर, मीडिया प्लेयर, गेम्स आदि।
विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम में कम्प्यूटर के रख रखाव एवं अन्य अन्य कार्यों के लिए उपयोगी टूल्स एवं यूटिलिटी प्रोग्राम दिए गए हैं जो सिस्टम को मैनेज करते समय हमारी मदद करते हैं। कंप्यूटर के उचित रख रखाव (मेंटेनेन्स), विभिन्न सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर को कॉन्फ़िगर करने में मदद करते हैं। विंडोज के यूटिलिटी प्रोग्राम का उपयोग करके आप अपने कंप्यूटर की बेहतर देखभाल कर सकते हैं, इसके प्रदर्शन (परफ़ॉर्मेंस) में सुधार कर सकते हैं, इसे अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप अनुकूलित (Customize) कर सकते हैं, साथ ही यह भी मॉनिटर कर सकते हैं कंप्यूटर पर क्या हो रहा है। विंडोज के प्रमुख यूटिलिटी प्रोग्राम टास्क मैनेजर, ईवेंट व्यूअर, परफॉरमेंस मैनेजर, रजिस्ट्री एडिटर आदि हैं।
पावर मैनेजमेंट (Power Management)
विंडोज़ में पावर मैनेजमेंट फीचर होता है जो कि पॉवर के उपयोग को सुनिश्चित करता
है। कंप्यूटर सिस्टम के विभिन्न पार्ट्स जैसे की हार्ड डिस्क, मॉनिटर एवं अन्य
पेरीफरल के लिए पॉवर मैनेजमेंट अत्यंत उपयोगी होता है। यह कार्य के अनुसार
उपयोग नहीं होने वाले पार्ट्स को स्लीप मोड अथवा पॉवर ऑफ मोड में परिवर्तित कर
सकता है। विंडोज पावर मैनेजमेंट फीचर एक बटन या कुंजी के स्पर्श से कंप्यूटर को
उपयोगकर्ताओं के लिए तुरंत पहुंच योग्य (Accessible) बनाता है। यह भी सुनिश्चित
करता है कि सिस्टम के सभी एलीमेंट एप्लिकेशन, डिवाइस और यूजर इंटरफेस- पावर
मैनेजमेंट क्षमता का उपयोग कर सकते हैं। इसके द्वारा कम्प्यूटर को
आवश्यकतानुसार स्लीप मोड / स्विच ऑफ किया जा सकता है।
सर्च एवं फाइल आर्गेनाइजेशन (Search and File Organization)
विंडोज़ के नए संस्करणों में बेहतर सर्च (Search) सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जो
किसी भी फाइल अथवा फोल्डर को आसानी से खोज सकता हैं। फाइल मैनेजमेंट के लिए
लाइब्रेरी की अवधारणा भी शुरू की गई है, जो डाक्यूमेंट्स के विभिन्न प्रकारों
को माय डाक्यूमेंट्स, माय पिक्चर, माय म्यूजिक, माय वीडियो आदि की सहायता से
सुरक्षित रखने में उपयोगी होता है।
सेफ्टी एवं सिक्यूरिटी (Safety and Security)
विंडोज़ की नई सेफ्टी विशेषताओं में पिन और पिक्चर पासवर्ड जैसे ऑथेंटिकेशन मेथड
को शामिल किया गया है। साथ ही सिक्यूरिटी एवं वायरस/ मालवेयर आदि से बचाव के
लिए विंडोज़ डिफेंडर जैसे एंटीवायरस क्षमताओं को जोड़ा गया है। बूट प्रोसेस को
संक्रमित करने वाले मैलवेयर से बचाने के लिए UEFI सिस्टम पर सिक्योर बूट जैसी
विशेषताएँ भी प्रदाय की गई है। Windows Defender मैलवेयर (दुर्भावनापूर्ण
सॉफ़्टवेयर), वायरस और सुरक्षा खतरों के लिए कम्प्यूटर को लगातार स्कैन करके
उसको सुरक्षित रखता है। फ़ायरवॉल और नेटवर्क सुरक्षा कम्प्यूटर को इंटरनेट
सुरक्षित रूप से उपयोग करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
रिमोट डेस्कटॉप (Remote Desktop)
कम्प्यूटर उपयोगकर्ता (User), रिमोट डेस्कटॉप के माध्यम से कहीं भी मौजूद कंप्यूटर सिस्टम को उपयोग कर सकते हैं, एवं कंप्यूटर के विभिन्न रिसोर्स का उपयोग कर सकते हैं। रिमोट डेस्कटॉप प्रोटोकॉल (RDP) माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित एक प्रोटोकॉल है जो एक उपयोगकर्ता को नेटवर्क कनेक्शन पर दूसरे कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए ग्राफिकल इंटरफेस प्रदान करता है।
विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास एवं विकासक्रम
History and Development of Windows Operating System
माइक्रोसॉफ्ट ने 1981 में ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) पर आधारित ऑपरेटिंग
सिस्टम पर काम करना शुरू किया और 10 नवंबर 1983 को विडोंज का पहला वर्ज़न 1.0,
पब्लिक के लिये जारी कर दिया इसके बाद 1987 में विडोंज 2.0 और 1990 में विडोंज
3.0 को लांच किया गया इसके बाद विडोंज के कई वर्ज़न लांच किये जैसे विडोंज 95,
विडोंज 98, विडोंज NT, विंडोज़ 2000, विडोंज XP, विंडोज़ ME, विंडोज़ विस्टा,
विंडोज़ 7, विंडोज़ 8, एवं विंडोज़ 10. वर्तमान में विंडोज़ 10 का उपयोग किया जा
रहा है। माइक्रोसॉफ्ट ने 5 अक्टूबर 2021 को विंडोज़ का नया संस्करण विंडोज़ 11
जारी किया है।
विंडोज़ 1.0 से विंडोज़ 11 तक के वर्ज़न का संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार हैं:-
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 1.0 (Microsoft Windows 1.0)
विंडोज़ 1.0 को 20 नवंबर 1985 को माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ के पहले संस्करण के रूप में जारी किया गया था। यह उस समय मौजूद MS-DOS इंस्टॉलेशन पर एक ग्राफिकल, 16- बिट मल्टी-टास्किंग शेल के रूप में चलता है। विंडोज़ 1.0 ने उपयोगकर्ताओं को प्रोग्राम विंडो तक पहुंचने के लिए इंगित करने और क्लिक करने की अनुमति दी।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 2.0 (Microsoft Windows 2.0)
विंडोज़ 1.0 की रिलीज के दो साल बाद, माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज़ 2.0 वर्ज़न ने
दिसंबर 1987 में इसे बदल दिया। विंडोज़ 2.0 के लिए बड़ा इनोवेशन यह था कि इसमें
प्रोग्राम विंडोज़़ एक-दूसरे को ओवरलैप कर सकती थीं। विंडोज़ 2.0 में
आइकन,कीबोर्ड शॉर्टकट और बेहतर ग्राफिक्स शामिल हैं।
विंडोज़ कण्ट्रोल पैनल
को विंडोज़ 2.0 में पेश किया गया था, जहां विभिन्न सिस्टम सेटिंग्स और
कॉन्फ़िगरेशन विकल्प एक साथ एक स्थान पर एकत्र किए गए थे। इस कंट्रोल पैनल फीचर
को आज तक के वर्ज़न में उपयोग किया जा रहा हैं।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 3.0 (Microsoft Windows 3.0)
विंडोज़ 3.0 को 1990 में लॉन्च किया गया था, जिसमें हार्ड ड्राइव की आवश्यकता होती थी एवं इसे अधिक व्यापक सफलता मिली। विंडोज़़ 3 ने विंडोज़़ में मल्टीटास्किंग को उपयोग किया एवं प्रोग्राम्स में 256 कलर को सपोर्ट किया, जो इंटरफ़ेस के लिए अधिक आधुनिक रूप प्रदान करता है।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 3.1 (Microsoft Windows 3.1)
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 3.1 वर्ज़न को 1992 में जारी किया गया इसमें बेहतर आइकन और
प्रोग्राम मैनेजर का उपयोग किया गया। विंडोज़ 3.1 ट्रू टाइप फोंट (True Type
Font) को पेश किया था जिससे विंडोज़ को डेस्कटॉप पब्लिशिंग में प्रयोग करना आसान
हो गया ।
Windows 3.1 को चलाने के लिए 1MB RAM की आवश्यकता थी और पहली बार माउस के साथ
MS-DOS प्रोग्राम को नियंत्रित करने की सुविधा दी। 3.1 सीडी-रॉम पर वितरित किया
जाने वाला पहला विंडोज़ भी था।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 95 (Microsoft Windows 95)
विंडोज़ 95 अगस्त 1995 में आया था और इसके साथ पहली बार स्टार्ट बटन और स्टार्ट मेनू आया था। यह तेजी से चलता है और स्थापित हार्डवेयर (प्लग एंड प्ले) को स्वचालित रूप से हटाने और कॉन्फ़िगर करने की क्षमता रखता है। विंडोज 95 में कई फीचर्स भी शामिल किए जिनमें न्यू स्टार्ट बटन, मेन्यू और टास्कबार सबसे बेहतर रहा जिनसे ऑपरेटिंग सिस्टम को बेहद आसानी से चलाया जाने लगा। विंडोज 95 में प्लग और प्ले के भी फीचर दिए गए जिससे हार्डवेयर की पहचान और उसे इन्स्टॉल अपने आप ही किया जा सकता था।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 98 (Microsoft Windows 98)
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 98 को जून 1998 में जारी किया गया। विंडोज़ 98 को विंडोज़ 95
के प्लेटफॉर्म पर बनाया गया और इसके साथ इंटरनेट एक्सप्लोरर IE 4, आउटलुक
एक्सप्रेस, विंडोज़ एड्रेस बुक, माइक्रोसॉफ्ट चैट आदि उपलब्ध कराए गए। इस वर्ज़न
में पहली बार नेट शो प्लेयर लाया गया, जिसे 1999 में विंडोज़ 98SE सेकंड एडिशन
में विंडोज़ मीडिया प्लेयर 6.2 से बदल दिया गया।
Windows 98 नई तकनीक FAT32, AGP, MMX, USB, DVD के लिए सपोर्ट प्रदान करता है।
यह एक सक्रिय डेस्कटॉप है जो वेब ब्राउज़र (इंटरनेट एक्सप्लोरर) को एकीकृत करता
है।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ ME (Microsoft Windows ME)
विंडोज़ मिलेनियम एडिशन MS-DOS पर आधारित और विंडोज़ 9x लाइन में आखिरी विंडोज़ था। मिलेनियम संस्करण सितंबर 2000 में लांच किया गया। इसमें मुख्य रूप से स्वचालित सिस्टम रिकवरी टूल शामिल किया गया था।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 2000 (Microsoft Windows 2000)
विंडोज़ 2000 को फरवरी 2000 में जारी किया गया था और यह माइक्रोसॉफ्ट के बिजनेस ओरिएंटेड सिस्टम विंडोज़ एनटी पर आधारित था, जो बाद में विंडोज़ एक्सपी (xp) के लिए आधार बन गया। Microsoft ने उस समय के अब तक के सबसे सुरक्षित Windows संस्करण के रूप में Windows 2000 को लॉन्च किया। माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज़ 2000 में विभिन्न भाषाओं एवं स्थानीय जानकारी के अनुकूल बनाया।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ एक्सपी (Microsoft Windows XP)
विंडोज़ के संभवतः सर्वश्रेष्ठ विंडोज़ संस्करणों में से एक, विंडोज़़ एक्सपी
(Windows XP) को अक्टूबर 2001 में जारी किया गया था। विंडोज़ एक्सपी को इसके
बेहतर लुक और फील के लिए जाना जाता है। इसके होम और प्रोफेशनल दो संस्करण
हैं।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ विस्टा (Microsoft Windows Vista)
जनवरी 2007 में विंडोज़ विस्टा द्वारा प्रतिस्थापित किए जाने से पहले विंडोज़ एक्सपी करीब छह साल तक रहा। विस्टा में ट्रांसपेरेंट एलेमेंट्स, सर्च सुविधा एवं सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने के साथ विंडोज़ के रंगरूप को भी अद्यतन किया।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 7 (Microsoft Windows 7)
विन्डोज़ विस्टा की कमियों को दूर करते हुए, विन्डोज़ 7 को पहली बार अक्टूबर 2009 में रिलीज़ किया गया था। विंडोज़ 7 में शामिल नई सुविधाओं में से कुछ टच, स्पीच एवं हैण्डराइटिंग रिकग्निशन के साथ साथ, वर्चुअल हार्ड डिस्क सपोर्ट, अतिरिक्त फ़ाइल एक्सटेंशन एवं मल्टी-कोर प्रोसेसर पर बेहतर परफॉरमेंस एवं फ़ास्ट बूटिंग हैं।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 8 (Microsoft Windows 8)
विंडोज़ 8 को अक्टूबर 2012 में जारी किया गया जो कि टच-फ्रेंडली स्टार्ट स्क्रीन
के साथ उपलब्ध कराया गया लेकिन इसमें स्टार्ट बटन और स्टार्ट मेनू को हटा दिया
गया था।
इसमें नए टाइल वाले इंटरफ़ेस में प्रोग्राम आइकन और लाइव टाइलें
(Live Tiles ) प्रयोग की गईं, जो सामान्य रूप से "विजेट्स" (Widgets) से जुड़ी
जानकारी को प्रदर्शित करती हैं। इसमें ट्रेडिशनल डेस्कटॉप के साथ मेट्रो एप्स
को प्रदर्शित किया गया। टाइल्स-आधारित इंटरफ़ेस या मेट्रो यूजर इंटरफेस विंडोज़
8 में लॉग इन करते हुए सबसे पहले दिखाई देती है।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 8.1 (Microsoft Windows 8.1)
विंडोज़ 8.1 को अक्टूबर 2013 में विंडोज़ 8 के लिए एक नि:शुल्क प्वाइंट रिलीज में उपलब्ध कराया गया। इसमें स्टार्ट मेनू को वापस लाया गया। लाइव टाइल्स जिसमें आपको ऐप पर क्लिक किए बिना भी जानकारी देखने देते हैं। इसके साथ ही सिक्यूरिटी के लिए डिफेंडर एवं नेटवर्किंग सुरक्षा को भी मजबूत किया गया। साथ ही इसमें एप स्टोर भी उपलब्ध कराया गया जिसके माध्यम से विभिन्न सॉफ्टवेयर / एप आसानी से इंस्टॉल किए जा सकते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 10 (Microsoft Windows 10)
विंडोज़ 10 को 29 जुलाई 2015 को जारी किया गया है। विंडोज़ 10 में कई नए
एलिमेंट्स को पेश किया, जिसमें एक टच-इंटरफ़ेस (टैबलेट मोड), विंडोज़ 7 के समान
एक पारंपरिक डेस्कटॉप इंटरफ़ेस का उपयोग किया गया है, जिसमें विंडोज़ 8 की तरह
से लाइव टाइल्स भी शामिल हैं।
विंडोज़ 10 डिवाइसेस में एक यूनिवर्सल एक्सपीरियंस बनाने के लिए एक व्यापक ऐप
प्लेटफॉर्म, एक सिक्योरिटी मॉडल दिया गया है। विंडोज़ 10 सभी डिवाइस चाहे वह
पर्सनल डिवाइस / लैपटॉप, टच-स्क्रीन डिस्प्ले, विंडोज़ 10 सभी पर एक जैसा अनुभव
प्रदान करता है।
विंडोज़ 10 में कोर्टाना सपोर्ट, माइक्रोसॉफ्ट एज (Edge) वेब ब्राउज़र, वर्चुअल
डेस्कटॉप, यूनिवर्सल एप जैसे फीचर दिए गए हैं।
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 11 (Microsoft Windows 11)
विंडोज 11 माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित विंडोज एनटी ऑपरेटिंग सिस्टम की नवीनतम
रिलीज है जिसे 24 जून, 2021 को घोषित किया गया था। विंडोज 11 को 5 अक्टूबर 2021
को जनता के लिए जारी किया गया है, फिलहाल यह विंडोज 10 चलाने वाले योग्य
उपकरणों पर विंडोज अपडेट और विंडोज 11 इंस्टॉलेशन असिस्टेंट के माध्यम से मुफ्त
अपग्रेड के रूप में जारी किया गया है।
विंडोज 11 का यूजर इंटरफ़ेस को नए
तरीके से फ़्लुएंट डिज़ाइन सिस्टम पर तैयार किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से
ट्रांसलूसेंस एवं शेडो के साथ साथ नया आकर्षक कलर पेलेट दिया गया है।
विंडोज़ 11 में टास्कबार एवं स्टार्ट बटन को मुख्य रूप से सेंटर में रखा गया है।
पुराने विंडोज़ संस्करण में स्टार्ट बटन एवं टास्क बार को डेस्कटॉप पर ऊपर,
नीचे, बाएँ या दाएँ किनारों पर शिफ्ट किया जा सकता था लेकिन विंडोज़ 11 में
स्टार्ट बटन एवं टास्कबार को स्थायी रूप से स्क्रीन के निचले किनारे पर पिन
किया गया है।
विंडोज 8.0, 8.1 और 10 में उपयोग किए गए "लाइव टाइल्स" को विंडोज़ 11 में बदल कर
स्टार्ट मेनू पर ही "पिन एप्लीकेशन" में दर्शाया जाता है, इसके साथ "रीसेन्टली
यूज़्ड डॉक्युमेंट्स" की लिस्ट भी दिखाई देती हैं। विंडोज़ 11 में फ़ाइल
एक्सप्लोरर में रिबन टूलबार अपडेट किया गया है, साथ ही कांटेक्स्ट मेनू
(Context Menu) को भी परिवर्तित किया गया है।
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